#writing #mahatma_gandhi #पन्नो #childhood
जैसा की महात्मा गांधी जी ने भी ये कहा है कि ” सुंदर लिखावट शिक्षा का अनिवार्य अंग है” , और जब मैंने अपने बचपन के पन्नो को पलटा तो मैंने अपने शब्दों को कुछ इस तरह पाया जो की मेरी लिखावट में आपको दिखेगी।
लिखावट
मुझे याद है वो लिखावट,
जो लिखी थी मैंने बचपन के पन्नो पर,
मुझे याद है वो लिखावट।
जब अक्षर डरते थे,शब्द बनने को पन्नो पर,
जब पेंसिल डरती थी,चलने को कोरे पन्नो पर,
जब पापा कहते, लिखावट के बिना कुछ नही है जीवन के पन्नो पर,
मुझे याद है वो लिखावट,
जो लिखी थी मैंने कॉपियों के पिछले पन्नो पर,
जो किया था पहला दस्तखत मैंने,
जो बनाया था पहला दिल मैंने,
जो बनायी थी पहली तस्वीर मैंने,
मुझे याद है वो लिखावट,
मुझे याद है वो लिखावट।
बहुत खूब , अमन भ्या,
“बचपन की लिखावट”
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बहुत बहुत शुक्रिया।।।अविनाश।।
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Nice words
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